प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण के नाम पर पलीता लगाने वाले शाखा प्रबंधक ने ,
कार्यवाही के भय से ससम्मान डाक के माध्यम से आवेदन किया वापस
भारतीय स्टेट बैंक करगी रोड कोटा शाखा प्रबंधक के द्वारा कोटा जनपद पंचायत प्रांगण में 21-11-2022 को प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण देने हेतु शिविर का आयोजन किया गया था जिसमे की ग्रामीण क्षेत्रों से आवेदकों द्वारा आवेदन जमा किया गया था और ग्रामीण क्षेत्रों में ढिंढोरा पीटा गया था कि भारतीय स्टेट बैंक बिना किसी जमानत के लोगो को लोन दे रही हैं।
भारतीय स्टेट बैंक के द्वारा बाकायदा वाह वाही लूटने के लिए पंपलेट भी बांटी गई थी जिसमें कहा गया था कि लोन लेने के लिए गुमास्ता पैन कार्ड आधार कार्ड बैंक खाता उद्गम रजिस्ट्रेशन जमा करने के बाद आवेदकों को ऋण भुगतान कर दी जाएगी लेकिन इसका कुछ असर उल्टा हुआ सभी दस्तावेज जमा करने के बाद भी बैंक के द्वारा को गुमराह करते हुए लोन की राशि नहीं दी गई जबकि पूरा दस्तावेज शाखा प्रबंधक कोटा के पास प्रथम आवेदन 21-11-2022 को जमा किया गया था उसके बाद उसे भी रिजेक्ट कर दिया गया फिर दोबारा प्रबंधक के कहने पर 16-3-2023को आवेदन जमा किया गया पूरी दस्तावेज के साथ जिसे आज दिनांक 4-5-2023 को बिना किसी कारण बताए भारतीय स्टेट बैंक शाखा प्रबंधक अमृत कुमार एक्का के द्वारा आवेदन को रिजेक्ट करते हुए भारतीय डाक के माध्यम से आवेदक संजय कुमार बंजारे के पते पर भेज दी गई क्या वजह जो प्रबंधक के द्वारा आवेदन निरस्त करने का उसे भी डाक के माध्यम से जानकारी देनी थी लेकिन उनके द्वारा ऐसा नहीं किया गया कार्यवाही होने के भय से शाखा प्रबंधक के द्वारा पूरा आवेदन पत्र को डाक के माध्यम से वापस किया गया है ताकि कार्यवाही से या लोन देने से बच सकें। भारतीय स्टेट बैंक शाखा कोटा में सिर्फ आवेदक संजय कुमार बंजारे ही ऐसा शख्स है जिसके पास बकायदा भारतीय डाक पोस्ट के द्वारा आवेदन वापस किया गया है और भी आवेदक होंगे जिनका क्या शाखा प्रबंधक के द्वारा भारतीय डाक के माध्यम से रिजेक्ट करते हुए वापस की होगी? भारतीय स्टेट बैंक शाखा प्रबंधक करगी रोड कोटा और सहायकप्रबंधक के खिलाफ बिलासपुर कलेक्टर जनदर्शन में लिखित शिकायत की गई थी की प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी योजना प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ग्रामीणों को रोजगार करने के लिए लोन नहीं दी जा रही है लेकिन उसका भी कोई असर नही हुआ। शायद प्रबंधक उसी का बदला ले रहा हो, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना सिर्फ एक दिखावा है ग्रामीणों को गुमराह करने का एक तरीका है ताकि ग्रामीण बैंक चाकर काट काटकर छपल गिस जाए और अंतिम कर्ज के डर से आत्महत्या जैसे कदम उठा ले,लेकिन उससे सरकार या राजनेताओ को कोई फर्क नही पड़ता क्योकि इनकी आँख तो बंद है सिर्फ चुनावी समय मे ही सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता पूछने आएंगे की कइसे हवाच कका अउ काकी दाई दादा भतीजा सब बोलने चुनाव जीतने तक उसके बाद तो भूल जाना कि वही नेता जो हाथ जोड़कर विनती करता है कि कका फलाना छाप ल झन भुलबे, जब चुनाव जीत जाएंगे तो ओहि कका अउ काकी और भतीजा का कोई सुध लेने नही आता है क्योंकि उनका काम तो हो गया है अब किसलिए पूछने जाएंगे, जब ग्रामीण सरकार की महत्वकांक्षी योजना का लाभ लेने सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटता है तो इस पर कोई ध्यान नहीं देता है। अब कुछ ही दिन बच गए है नेताओ के मडराने में, दुनिया भर के योजना के नाम बताएंगे और बोलेंगे की इस योजना से ग्रामीणों को सरकार लाभ दे रही है लेकिन हाकित तो यहां है कि सरकार ग्रामीणों के लिए योजना नही चला रही हैं। बल्कि ऐसे लोगो के लिए चला रही हैं जिनके पास पहले से नौकरी हो पक्का मकान हो गाड़ी बंगला हो,कच्चा मकान में रहने वाले और मिडिल क्लास गरीबो के लिए बैंक में या सरकारी दफ्तर में कोई जगह नहीं है। इस मामले में ना तो कोई राजनीतिक दलों के नेता सामने नही आएंगे,कब आएंगे जब चुनाव की समय सीमा नजदीक आ जायेगा तब पूछेंगे की आपके गांव में क्या समस्या है ।